Get the land vacated by demolishing the building; High court is strict, full cost of demolition will be recovered from the culprit

भवन गिरा कर खाली करवाएं जमीन; हाई कोर्ट सख्त, दोषी से वसूला जाएगा गिराने का पूरा खर्चा

Get the land vacated by demolishing the building; High court is strict, full cost of demolition will be recovered from the culprit

Get the land vacated by demolishing the building; High court is strict, full cost of demolition will

शिमला:हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने नियमों के विपरीत निर्माण किए जाने को गंभीरता से लिया है। अदालत ने शिमला के कुसुम्पट्टी में अवैध भवन निर्माण को तुरंत गिराने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि अवैध निर्माण गिराने का पूरा खर्चा दोषी से वसूला जाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंदर सिंह की खंडपीठ ने जिला प्रशासन को उचित सहायता मुहैया करवाने का जिम्मा सौपा है। अदालत ने अपने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट 22 मई को तलब की है। उदित पंवर के मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर हाई कोर्ट ने जनहित में याचिका दर्ज की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि कुसुम्पट्टी निवासी ने सरकारी जमीन पर निर्माण किया है। आरोप लगाया गया है कि इसके लिए कोई स्वीकृति नहीं ली है।

अदालत ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए दोषी को प्रतिवादी बनाया था। उसने चार अक्तूबर, 2021 को अदालत के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी। अदालत ने उसे अपना स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे, लेकिन वह उसके बाद अदालत में पेश नहीं हुआ। अदालत ने पाया कि प्रतिवादी जोशी न ही चार अप्रैल, 2023 को पेश हुआ और न ही 15 मई, 2023 को। नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि दोषी ने नोटिस के बावजूद भी अवैध निर्माण को बंद नहीं किया है। बल्कि, उसने अतिरिक्त अवैध निर्माण कर दिया है। अदालत ने अपने आदेशों में कहा कि दोषी कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं रखता है। अदालत ने पाया कि दोषी जानबूझ कर अदालत में पेश नहीं हो रहा है। अदालत ने दोषी का अडिय़ल रवैया देखते हुए यह आदेश पारित किए।